Chrismas क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह (यीशु) के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है।
ईसा या यीशु मसीह या जीज़स क्राइस्ट, ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं।
ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल के नये नियम में दिये गये हैं।
यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है।
क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है।
एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था।
आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना, चर्च मे समारोह और विभिन्न सजावट करना शामिल है।
इस सजावट के प्रदर्शन मे क्रिसमस का पेड़, रंग बिरंगी रोशनियाँ, बंडा, जन्म के झाँकी और हॉली आदि शामिल हैं।
क्रिसमस के दौरान उपहारों का आदान प्रदान, सजावट का सामन और छुट्टी के दौरान मौजमस्ती होती है।
क्रिसमस पर सजावट
ऑस्ट्रेलिया उत्तरी और दक्षिण अमेरिका और यूरोप का कुछ हिस्सा पारंपरिक रूप से सजाया जाता है
जिसमे घर के बहार की बत्तियों से सजावट स्लेड (बेपहियों की गाड़ी),
बर्फ का इंसान और अन्य क्रिसमस के मूरत शामिल होते हैं नगर
पालिका भी अक्सर सजावट करते हैं ।
क्रिसमस के पताका स्ट्रीट लाइट से टंगा होता है और शहर के हर वर्ग में
क्रिसमस के पोधे रखे जाते हैं ।
पश्चिमी दुनिया में रंगीन कागजों पे धर्मनिरपेक्ष या धार्मिक क्रिसमस मोटिफ्स चप्पा हुआ कागज़ का रोल निर्मित करते हैं
जिसमे लोग अपने उपहार लपेटेते हैं क्रिसमस गाँव का प्रदर्शन भी कई घरों में इस मौसम में एक परम्परा बन गया है।
बाकी पारंपरिक सजावट में घंटी मोमबत्ती कैंडी केन्स]] बड़े मोजे पुष्पमालाएं और फ़रिश्ता शामिल होते हैं।
क्रिसमस की तयारी बारहवीं रात को उतारी जाती है जो 5 जनवरी की शाम का दिन होता हैं।
पश्चिमी देशों में परम्परा आज भी चली आ है उसके अनुसार संता खिलोने बाना कर बालक यीशु को देता है
जो असल में सभी बच्चों के घर इसे पहुचाते हैं। बहुत से अभिभावक अपने बच्चे| को सांता क्लॉस की कहानी सुनते हैं और उपहार देनेवालों की कहानी सुनते हैं।