सुख - दुःख के उत्तरदायी आप स्वयं हो कोई अन्य नहीं
इसलिए स्वयं को पहिचानो
इस संसार में यदि ऊपर उठना चाहते हो तो
गिरे हुए को उठाना सीखो
मैं कर सकता हूँ
मैं करूँगा
यदि आप ऐसा सोचते हो तो आप कठिन से कठिन कार्य कर सकते हो
हर समस्या का समाधान समस्या में ही मिलता है
यदि तुम ढूंढते हो तो
आप अपनी मंजिल पर सच्चे मन से पहुँचना चाहते हो
तो
तो
आपके रास्ते स्वयं ही बन जाते हैं
किसी भी कार्य को शुरू करने के बाद
बीच में नहीं छोड़ना चाहिए
क्योंकि यह आदत आपकी सबसे बड़ी कमजोरी बन
जाती है
असफल व्यक्ति ही सफलता मिलने पर
सफलता के असली महत्व को समझता है
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